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इन 7 जरुरी तरीकों से बनाएं नेट बैंकिंग को सुरक्षित
नोटबंदी के बाद भले ही कैशलेस को बढ़ावा मिल रहा हो मगर ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन यानी ऑनलाइन लेनदेन से घबारते हैं. अक्सर ऐसे यूजर को चिंता सताती है कि कहीं कोई उनके एटीएम कार्ड की जानकारी सेव करके बैंक खाते में सेंध न लगा दे. ध्यान रहे कि साइबर संसार में कुछ एप और सॉफ्टवेयर ऐसे हैं जो कंप्यूटर पर टाइप होने वाले सभी बटन की जानकारी का डाटा तैयार करते हैं. इससे वह आपके कार्ड की जानकारी सेव कर सकते हैं. इस समस्या से बचने के लिए यूजर ऑन स्क्रीन कीबोर्ड और इकॉग्निटो टैब का प्रयोग कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि कैसे अपने ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित बनाया जा सकता है
1. फिशिंग एक टेक्निकल शब्द है, जिसे किसी घपले या घोटाले के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जब कोई फ्रॉड व्यक्ति या संस्था आपको फर्जी ई-मेल भेजती है तो इसे फिशिंग कह सकते हैं। ये ई-मेल बिल्कुल विश्वसनीय जैसे लगते हैं और इसके जरिए आपका बैंक अकाउंट नंबर, पासवर्ड और कई व्यक्तिगत जानकारी मांगी जा सकती है। ऐसे ई-मेल से हमेशा सावधान रहें और इनमें दिए गए लिंक्स (links) पर क्लिक न करें।
2. इंटरनेट के प्रयोग के समय किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। किसी भी लुभावने ऑफर को देखकर उसपर क्लिक करना और उसमें दिए गए निर्देशों पर अमल करना खतरे का काम होता है। इससे आपकी कई व्यक्तिगत जानकारियां फ्रॉड लोगों तक पहुंच जाती है।
3. कुछ समय के अंतराल पर अपने बैंक अकाउंट पासवर्ड को बदल लेना सही होता है। पासवर्ड हमेशा लंबा और मिक्स टाइप का रखें। नंबर के साथ अंग्रेजी कैरेक्टर का पासवर्ड में मित्रित इसतेमाल करना काफी अच्छा माना जाता है। इससे आपका अकाउंट जल्दी हैक नहीं हो सकता है। असुरक्षित (unsecured) वाई-फाई में ऑनलाइन बैंकिंग न करें और इसके लिए हमेशा अपने निजी कंप्यूटर का इस्तेमाल करें। अपने पासवर्ड को डायरी या मोबाइल में न दर्ज करें।
4. अपने बैंक अकाउंट के आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल किसी भी वेबसाइट पर तभी करें जब ऊपर यूआरएल (url) पर लॉक का चिन्ह दिखाई दे। ये आपके पासवर्ड को गुप्त रखता है। इस चिन्ह से पता चलता है की जिस वेबसाइट पर आप काम कर रहे हैं वो सुरक्षित है।
5. अपने कंप्यूटर को छोड़ किसी अन्य व्यक्ति का कंप्यूटर या लैपटॉप इस्तेमाल कर रहे हैं तो बैंक अकाउंट में लॉग-इन करके बिलों का ऑनलाइन भुगतान करते वक्त ऑनस्क्रीन कीबोर्ड यानी कि वर्चुअल कीबोर्ड का प्रयोग करना चाहिए. इस कीबोर्ड को कंप्यूटर पर खोलने के लिए उसके 'स्टार्ट मेन्यू' में जाएं और वहां दिए 'प्रोग्राम' पर क्लिक करें. इससे आपको 'वर्चुअल कीबोर्ड' का विकल्प मिलेगा. कीबोर्ड खोजने में दिक्कत आए तो सर्च बार में on screen keyboard टाइप करके भी देख सकते हैं. वर्चुअल कीबोर्ड पर माउस से क्लिक करके अक्षर और अंकों को टाइप किया जा सकता है. इसमें भी सेटिंग का विकल्प है जिसको यूजर अपने मनमुताबिक बदल सकते हैं.
6. मुफ्त में मिलने वाले इंटरनेट की लालच में यूजर अक्सर सार्वजनिक स्थलों, होटल-रेस्तरां, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि पर मिलने वाली वाई-फाई सुविधा का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि कई मामलों में ऐसे वाई-फाई कनेक्शन असुरक्षित भी होते हैं. मिसाल के तौर पर रेलवे स्टेशन पर जो मुफ्त वाई-फाई है वह जरूरी नहीं है रेलवे मंत्रालय की ओर दिया जा रहा हो. कई बार हैकर उस यूजरनेम से जुड़ा हुआ एक नाम तैयार कर लेते हैं और उससे मुफ्त वाई-फाई देकर फोन से जरूरी जानकारी चुरा लेते हैं या लेनदेन के दौरान वह आपके बैंक खाते पर सेंध भी लगा सकते हैं. इनसे बचने के लिए मोबाइल फोन में एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय पर अपडेट करते रहें.
7. बैंकिंग या ट्रांजेक्शन के लिए आप गूगल क्रोम ब्राउजर में इनकॉग्निटो और इंटरनेट एक्सप्लोरर में प्राइवेट ब्राउजिंग मोड का सहारा ले सकते हैं. क्रोम यूजर इनकॉग्निटो टैब को खोलने के लिए स्क्रीन पर ऊपर के हिस्से में दाईं ओर दिए तीन लाइनों वाले विकल्प पर क्लिक करें और इनकॉग्निटो टैब पर जाएं. इस टैब पर की गई ब्राउजिंग हिस्ट्री, ब्राउजर बंद करते ही डिलीट हो जाती है. सिस्टम दोबारा खोलने पर यह दिखाई नहीं देती. यानी हिस्ट्री के आधार पर कोई आपके अकाउंट में सेंध लगाने की कोशिश नहीं कर सकता. इनकॉग्निटो टैब की पहचान एक टॉपी और चश्मा लगाए एक व्यक्ति होता है जो ऊपर बाईं ओर दिखाई देता है.
17 December 2016
16 December 2016
15 December 2016
14 December 2016
09 December 2016
07 December 2016
03 December 2016
SEB Primary Scholarship (PSE) / Secondary Scholarship (SSE) Exam Answer Key 2016
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30 November 2016
24 November 2016
22 November 2016
19 November 2016
GSHSEB HSC SCIENCE SEMESTER 3 - 2016 RESULT DECLARE
Gujarat Secondary and Higher Secondary Sem 3 Result avilable now
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18 November 2016
16 November 2016
13 November 2016
ऐसे करें 2000 के असली नोट की पहचान...
2000 के नए नोट का बेस कलर मैजेंटा है और इसका साइज 66 मिमी गुणा 166 मिमी है। नोट के फ्रंट पर महात्मा गांधी और पीछे की तरफ मंगलयान की तस्वीर लगी है.
1. नोट को लाइट के सामने रखने पर यहां 2000 लिखा दिखेगा।
2. आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर रखने पर यहां 2000 लिखा दिखेगा।
3. देवनागरी में 2000 लिखा दिखेगा।
4. सेंटर में महात्मा गांधी की तस्वीर है।
5. छोटे-छोटे अक्षरों में RBI और 2000 लिखा है।
6. सिक्योरिटी थ्रीड है इसपर भारत, RBI और 2000 लिखा है। नोट को हल्का से मोड़ने पर इस थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है।
7. गारंटी क्लॉज, गवर्नर के सिग्नेचर, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी तरफ है।
8. यहां महात्मा गांधी की तस्वीर और इलेक्ट्रोटाइप (2000) वाटरमार्क है।
9. ऊपर में सबसे बाईं तरफ और नीचे में सबसे दाहिने तरफ लिखे नंबर बाएं से दाएं तरफ बड़े होते जाते हैं।
10. यहां लिखे नंबर 2000 का रंग बदलता है। इसका कलर हरा से नीला हो जाता है।
11. दाहिनी तरफ अशोक स्तम्भ है।
दृष्टिहीनों के लिए...
महात्मा गांधी की तस्वीर, अशोक स्तम्भ के प्रतीक, ब्लीड लाइन और पहचान चिन्ह खुरदरे से हैं।
12. दाहिनी तरफ आयताकार बॉक्स जिसमें 2000 लिखा है।
13. दाहिनी और बाईं तरफ सात ब्लीड लाइंस हैं जो खुरदरे हैं।
पीछे की तरफ...
14. नोट की प्रिंटिंग का साल लिखा हुआ है।
15. स्लोगन के साथ स्वच्छ भारत का लोगो।
16. सेंटर की तरफ लैंग्वेज पैनल।
17. मंगलयान का नमूना।
07 November 2016
GSEB Science Sem-3 Official Answer Key for Semester III Examination 2016 Declared
GSEB Science Sem-3 Official Answer Key for Semester III Examination 2016
👉Answer Key Download Click Here http://gseb.org/Answer%20Key%20for%20Semester%20III%20Examination%202016.pdf
Gujarat State Eligibility Test (GSET) Result Decalred | Exam Date: 25/9/2016
View Result Click Here http://gujaratset.ac.in/res.html
05 November 2016
02 November 2016
26 October 2016
25 October 2016
अगर आपके घर में भी CFL है तो ये जानकारी आपके लिए ही है !
यह तस्वीर कनाडा के रहने वाले स्मिथ की है जिनका पैर अब काटा जाना है। इन्हें CFL बल्ब का इस्तेमाल या यूँ कहें कि इस्तेमाल में की गई लापरवाही बहुत भारी पड़ी।
यह तो हम सब जानते हैं कि CFL बल्ब कितनी बिजली बचाते हैं लेकिन ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि इन बल्बों में पारा पाया जाता है जो कि शरीर में चले जाने पर बहुत ही घातक साबित होता है। स्मिथ ने ऐसे ही एक बल्ब के ठन्डे होने का इंतज़ार नहीं किया और उसे होल्डर से निकालकर बदलने की कोशिश करते हुए उसे ज़मीन पर गिरा दिया। ज़मीन पर गिरते ही बल्ब टूट गया और कांच के टुकड़े बिखर गए। स्मिथ नंगे पैर थे और अंधेरे में उनका पैर कांच के एक टुकड़े पर पड़ गया और बल्ब में उपस्थित पारा घाव के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर गया। उन्हें 2 महीने में ICU में रखा गया और अब उन्हें अपने पैर को खो देने का डर है।
CFL के संबंध में पारा ही एक ख़तरा नहीं है, कई और भी मसले हैं, लेकिन उसके बारे में स्वास्थ्य संजीवनी पर फ़िर कभी चर्चा करेंगे, आज जानना ज़रूरी है कि CFL के टूट जाने पर क्या करें-
1) कभी भी तुरंत CFL ना बदलें। उसके ठन्डे होने का इंतज़ार करें।
2) CFL टूट जाने पर तुरंत कमरे से निकल जाएं, ध्यान रखें कि पैर कांच के टुकड़े पर ना पड़ जाए।
3) पंखे एसी इत्यादि बंद कर दें जिससे पारा फैल ना सके।
4) कम से कम १५-२० मिनट बाद कमरे में प्रवेश करके टूटे हुए कांच को साफ़ करें। पंखा बंद रखें और मुंह को ढक कर रखें, दस्ताने पहने और कार्डबोर्ड की मदद से कांच समेटें, झाड़ू का इस्तेमाल ना करें क्यूंकि इससे पारे के फ़ैलने का डर रहता है। कांच के बारीक कण टेप की मदद से चिपका कर साफ़ करें।
5) कचरा फेंकने के बाद साबुन से हाथ धोना ना भूलें।
6) यदि कारणवश चोट लग जाए तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और उसे चोट के बारे में सारी जानकारी दें।
सीसे और आर्सेनिक से भी कहीं अधिक ज़हरीला और घातक पारा होता है। इसलिए CFL का प्रयोग करते समय बहुत सावधानी रखें।