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NEWS
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18 December 2024
30 October 2024
20 December 2023
આવકવેરાનું ફોર્મ 2023-24 Excel File
EXCEL FILE ડાઉનલોડ કરવા માટે અહીં ક્લિક કરો. Update 05/01/2024
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INCOME TAX
23 December 2022
આવકવેરાનું ફોર્મ 2022-23 Excel File 25/12/2022
આવકવેરાનું ફોર્મ, ડેકલેરેશન ફોર્મ ફોર્મ નં.૧૬ all in one Update 23/12/2022 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
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INCOME TAX
04 January 2022
આવકવેરાનું ફોર્મ 2021-22 Excel File 08/02/2022 UPDATE
આવકવેરાનું ફોર્મ, ડેકલેરેશન ફોર્મ ફોર્મ નં.૧૬ all in one Update 08/02/2022 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
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INCOME TAX
10 January 2021
આવકવેરાનું ફોર્મ વર્ષ ૨૦૨૦-૨૧ એક્સેલ ફાઈલ ડાઉનલોડ કરો.
આવકવેરાનું ફોર્મ, ડેકલેરેશન ફોર્મ ફોર્મ નં.૧૬ all in one Update 24/01/2021 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
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INCOME TAX
05 January 2020
આવકવેરાનું ફોર્મ વર્ષ ૨૦૧૯-૨૦ એક્સેલ ફાઈલ ડાઉનલોડ કરો.
આવકવેરાનું ફોર્મ, ડેકલેરેશન ફોર્મ ફોર્મ નં.૧૬ all in one Update 21/01/2020 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
આવકવેરાનુ સિંગલ
ફોર્મ Update 31/01/2020 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
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INCOME TAX
16 December 2018
આવકવેરાનું ફોર્મ વર્ષ ૨૦૧૮-૧૯ એક્સેલ ફાઈલ ડાઉનલોડ કરો.
આવકવેરાનુ સિંગલ ફોર્મ Update 23/01/2019 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
આવકવેરાનું ફોર્મ, ડેકલેરેશન ફોર્મ ફોર્મ નં.૧૬ all in one Update 23/01/2019 ડાઉનલોડ કરવા અહી ક્લીક કરો.
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INCOME TAX
02 January 2018
02 August 2017
21 January 2017
આવકવેરાનું ફોર્મ વર્ષ ૨૦૧૬-૧૭નું xls file.
આવકવેરાનું ફોર્મ વર્ષ ૨૦૧૬-૧૭નું xls file ડાઉનલોડ કરવા અહિ ક્લિક કરો.
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Incometax 2016-17 All in one xls file Download Click here
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INCOME TAX
21 June 2016
इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वालों पर जुर्माना लगाएं, मुकदमा शुरू करें: कर विभाग - NEWS
इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे मामलों में जुर्माना लगाएं और कार्रवाई शुरू करें ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो सके। साल 2015 में ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 58.95 लाख हो गई, जिन पर टैक्स उत्तरदायित्व है और उन्होंने रिटर्न न भरा हो। 2014 में रिटर्न न भरने वालों की संख्या 22.09 लाख थी। रिटर्न न भरने वालों की तादाद 2013 में 12.19 लाख थी।
टैक्स अधिकारियों के हाल में हुए सम्मेलन में पेश 2016-17 की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की केंद्रीय कार्ययोजना में कहा गया कि टैक्स का दायरा बढ़ाने के लिए संभावित टैक्स उत्तरदायित्व वाले रिटर्न न भरने वाले चिह्नित लोगों से नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संभावित टैक्स उत्तरदायित्व और रिटर्न न भरने वालों पर पहल को प्राथमिकता प्रदान करने की प्रायोगिक योजना के तौर इनकी निगरानी के लिए एनएमएस (रिटर्न न भरने वालों के लिए निगरानी प्रणाली) लागू की है। ये आंकड़े एनएमएस द्वारा तैयार किए गए हैं।
इसमें कहा गया, उचित मामलों में धारा 271एफ (इनकम टैक्स रिटर्न न भरने के लिए जुर्माना) और 276 सीसी (इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वालों पर मुकदमा) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसमें कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति जिसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना आवश्यक है, वह ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ 271एफ के तहत 1,000 रुपए से 5,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इधर, आयकर कानून की धारा 276 सीसी के तहत ऐसा न करने वालों के लिए तीन महीने से लेकर सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधPान है।
इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वालों पर जुर्माना लगाएं, मुकदमा शुरू करें: कर विभाग http://paisa.khabarindiatv.com/article/impose-penalty-initiate-prosecution-of-non-filers-income-tax-department/
04 April 2016
01 April 2016
नया ITR फॉर्म हुआ नोटिफाई, 50 लाख से अधिक इनकम वालों को संपत्ति का करना होगा खुलासा
नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2016-17 के लिए नए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म अधिसूचित किए हैं। इसके तहत 50 लाख रुपए सालाना आमदनी और याच, विमान और बहुमूल्य जेवरात का शौक पूरा करने में समर्थ लोगों को इन महंगी परिसंपत्तियों का खुलासा करना होगा। डिपार्टमेंट ने फॉर्म में नया सेक्शन 'शेड्यूल AL' यानी एसेट एंड लायबिलिटीज शामिल किया है। नए फार्म का उपयोग आज से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से होगा। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में 30 मार्च को गजटेड ऑर्डर पब्लिश किया और टैक्सपेयर्स 31 जुलाई तक अपने आयकर रिटर्न भर सकते हैं।
50 लाख से अधिक कमाई वालों पर सरकार की नजर
विभाग ने नए आईटीआर (आईटीआर-2 और 2ए) फर्मा में नया प्रावधान साल के अंत तक परिसंपत्ति एवं देनदारी किया है जो ऐसे मामलों में लागू होगा जिनमें कुल आय 50 लाख रुपए से अधिक है। इस आयवर्ग में आने वाले व्यक्तियों और इकाइयों को ऐसी परिसंपत्तियों की कुल लागत का भी उल्लेख करना होगा। इसलिए नई आईटीआर प्रणाली के तहत जमीन और मकान जैसी अचल परिसंपत्तियों, नकदी, जेवरात, सर्राफा, वाहन, याच, नाव और विमान जैसी चल परिसंपत्तियों की भी जानकारी कर अधिकारियों को देनी होगी।
तस्वीरों से जानिए टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स के बारें में देनी होगी ये भी जानकारियां
टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म भरने में कुछ बेसिक जानकारी देनी होगी। इसमें उसका नाम, सेक्स, पैन नंबर, जन्म तिथि, मेलिंग एड्रेस, मोबाइल नंबर, इनकम का ब्योरा, ई-मेल एड्रेस, बैंक अकाउंट की जानकारी आदि प्रमुख हैं। फॉर्म में दी गई जानकारी को सही-सभी भरने के बाद सबसे नीचे डिक्लेरेशन देना होगा।
28 March 2016
27 March 2016
13 March 2016
06 March 2016
ऑनलाइन शॉपिंग व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक़्त रखे यह 6 सावधानियां.
ऑनलाइन शॉपिंग व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक़्त रखे यह 6 सावधानियां. MUST READ
ऑनलाइन शॉपिंग व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक़्त रखे यह 6 सावधानियां.
भारत में इंटरनेट और स्मार्टफोन्स के तेजी से प्रसार के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और अन्य तरह के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में अब ई-कॉमर्स अब एक बड़े ट्रेंड के रूप में उभर रहा है। लेकिन इसकी के साथ साथ हैकर्स का खतरा भी बढ़ता जा रहा है जो की कस्टमर की गोपनीय जानकारी चुराकर उन्हें आर्थिक रूप से नुक्सान पहुंचा रहे है। अधिकतर केस में हमारी खुद की जरा से असावधानी उन्हें ऐसा करने का मौका देती है। यदि हम ऑनलाइन शॉपिंग व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक़्त कुछ सामन्य बातों का ध्यान रखे तो हम अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते है। आज हम आपको यहाँ ध्यान रखने योग्य 6 ऐसी ही बाते बता रहे है।
ऑनलाइन शॉपिंग व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक़्त रखे यह 6 सावधानियां.
भारत में इंटरनेट और स्मार्टफोन्स के तेजी से प्रसार के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और अन्य तरह के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में अब ई-कॉमर्स अब एक बड़े ट्रेंड के रूप में उभर रहा है। लेकिन इसकी के साथ साथ हैकर्स का खतरा भी बढ़ता जा रहा है जो की कस्टमर की गोपनीय जानकारी चुराकर उन्हें आर्थिक रूप से नुक्सान पहुंचा रहे है। अधिकतर केस में हमारी खुद की जरा से असावधानी उन्हें ऐसा करने का मौका देती है। यदि हम ऑनलाइन शॉपिंग व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक़्त कुछ सामन्य बातों का ध्यान रखे तो हम अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते है। आज हम आपको यहाँ ध्यान रखने योग्य 6 ऐसी ही बाते बता रहे है।
1 – एनक्रिप्शन का ध्यान रखें –
किसी भी वेबसाइट पर अपना कॉन्फिडेंशियल डेटा डालने से पहले चेक कर लें कि वेबसाइट एनक्रिप्शन का इस्तेमाल कर रही है या नहीं। एनक्रिप्शन के जरिए किसी भी डेटा को प्रोटेक्ट किया जाता है, ताकि नेटवर्क में ट्रैवल करते समय आपके डेटा को कोई नुकसान ना हो या फिर वह चोरी ना हो।
ऐसे चेक करें एनक्रिप्शन
कोई भी वेबसाइट एनक्रिप्टेड है या नहीं इसे चेक करने के लिए url देखें। यदि url में https है तो वह वेबसाइट एनक्रिप्टेड है। https में s का मतलब है security। यदि url में दाईं तरफ 'बंद ताले' का निशान हो तो भी वह वेबसाइट सुरक्षित है।
2- सभी सॉफ्टवेयर के लिए ऑटो अपडेट का इस्तेमाल करें –
आपने अपने कम्प्यूटर सिस्टम में जो भी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर प्रोटेक्शन के लिए इंस्टॉल किया है, उसका ऑटो अपडेट होते रहना बहुत ही जरूरी होता है। इतना ही नहीं, आपके सिस्टम के अन्य सभी सॉफ्टवेयर का भी अपडेट होते रहना जरूरी है। जरा सोच कर देखिए, अगर इन सॉफ्टवेयर में कोई खराबी आ जाए तो आपका सिस्टम हैक करना किसी हैकर के लिए कितना आसान हो सकता है। इन सभी से बचने के लिए अपने सॉफ्टवेयर का ऑटो अपडेट फंक्शन ऑन रखना चाहिए।
यदि सॉफ्टवेयर ऑटो अपडेट सपोर्ट नहीं करता है तो कोई ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें, जो ऑटो अपडेट सपोर्ट करे। आप चाहें तो अपने सॉफ्टवेयर को समय-समय पर मैन्युअली अपडेट भी कर सकते हैं। हर रोज बहुत सारे वायरस नेटवर्क में पैदा हो रहे हैं, जिनसे बचने के लिए कंपनी समय-समय पर अपडेट देती है, जिसे इंस्टॉल करते रहना चाहिए।
3- कैश ऑन डिलिवरी ऑप्शन –
यदि कोई वेबसाइट आपको कैश ऑन डिलिवरी का ऑप्शन देती है तो इसे इस्तेमाल करने से जरा भी नहीं हिचकें। ऐसा करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको ऑनलाइन पेमेंट नहीं करना होता है, जिससे आपके अकाउंट की जानकारियों के हैक होने का खतरा बिल्कुल कम हो जाता है। बहुत सारे लोग कैश ऑन डिलिवरी के ऑप्शन को नहीं लेते हैं, क्योंकि इसमें कुछ वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आलस न करते हुए कैश ऑन डिलिवरी का ऑप्शन लें और अपने अकाउंट को सुरक्षित करें।
4- वेबसाइट का डिजिटल सर्टिफिकेट चेक करें –
किसी रिटेलर या फिर मर्चेंट वेबसाइट पर कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से पहले उस वेबसाइट का डिजिटल सर्टिफिकेट जरूर देख लें। एक वेबसाइट का डिजिटल सर्टिफिकेट वेबसाइट की वैधता को दर्शाता है। वेरीसाइन (VeriSign) जैसी इंडिपेंडेंट सर्विसेस इस तरह की वैधता के बारे में बताती हैं, जो किसी भी वेबासाइट को यूज करने वाले यूजर को उसके सही और गलत होने के बारे में बताता है।
5- कॉन्फिडेंशियल जानकारियां चुराने वाले फिशिंग ई-मेल से बच कर रहें –
आपके बैंक या फिर किसी थर्ड पार्टी द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के प्रमोशनल मेल से बचें, जो आपकी सेंसिटिव जानकारी मांग रहा हो। बहुत सारे लोग इस तरह के मेल के झांसे में आकर पिछले दिनों में अपना काफी पैसा गवां चुके हैं। इस बात का खास ध्यान रखें कि कोई भी बैंक मेल द्वारा कभी अपने ग्राहक से उसकी सेंसिटव जानकारियां नहीं मांगता है।
6- ब्रांडेड मर्चेंट से ही खरीददारी करें –
कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप एक ब्रांडेड मर्चेंट से ही खरीददारी कर रहे हैं। कई सारे छोटे वेंडर बहुत ही कम सिक्योरिटी के साथ मार्केट में ऑपरेट कर रहे हैं, जिन पर कोई भी ट्रांजेक्शन करने का मतलब है खुद की जानकारियों को खतरे में डालना। मर्चेंट की प्राइवेसी पॉलिसी का भी विशेष ध्यान रखें। कई बार कंपनियां आपकी पर्सनल जानकारी दूसरी मार्केटिंग या रिसर्च कंपनियों के साथ शेयर करने की पॉलिसी बना लेती हैं, जिनके बारे में आपको पता नहीं होता है। आपकी पर्सनल जानकारी शेयर करने से आपके अकाउंट की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
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